अभी महफिल में कातिल हैं

ज़रा सा होश रहने दे 
अभी महफिल में कातिल हैं
जिन्हे लगता हो लगता रहे 
के हम उनके मुकाबिल हैं
गलतफहमी मिटा देगा 
खिलाड़ी सबसे तगड़ा है 
इनायत उनपे भी होगी 
जिन्हे सब ज़ोर हासिल हैं
जिन हाथों में निवाले थे
हमारी भूख से पहले 
जो छत बन जाते थे अपनी 
किसी भी धूप से पहले
मुहब्बत ख़त्म करने की 
वही साज़िश में शामिल हैं

कहा ढूंढ रहे हो बेकार 
अब वो इस जिस्म में कहाँ 
सब अपने काट ले भागे 
कहा 'साहिल' में अब दिल है 

Comments

Popular Posts