तुम्हारे हुस्न के आगे कहां यहा कुछ है

तुम्हारे हुस्न के आगे कहां यहा कुछ है
खुले हैं रेशमी धागे कहां यहा कुछ है
हैं खुशबुओं में बंधे हम जो तेरी सांसों की
किस तरह रह सके जागे कहां यहा कुछ है ..

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