रिश्तों का ज़हर..


रिश्तों का ज़हर पीना अब छोड़ने वाला हूँ
दीवानगी से रिश्ता अब जोड़ने वाला हूँ

तूफानगोई करते  अब bore हो चुका हूँ
कश्ती को समंदर में ही अब छोड़ने वाला हूँ









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