Urdu Poetry- तेरा भी इश्क तकाज़े के काम आएगा

तेरा भी इश्क तकाज़े के काम आएगा
अभी खुदा से बहुत देर गुफ़्तगू होगी

तेरे लिबास पे अक्सर नज़र  ठहरती है
कहीं छुपी हुई कुछ और आरज़ू होगी

उठा के हाथ मजारों पे किये जा सजदे
तेरे हाथों में कल तेरी ही आबरू होगी

अपने एहसास की शाखों को पानी देता जा
तेरे लव्जों की महक होगी चारसू होगी

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