अब मेरे हक का मुझे शौक ए गुज़ारा मिल जाये



अब या तो चाहतों को किनारा मिल जाये
या जिस्म को दोजक का इशारा मिल जाये
सफ़र नाकामियों का अब नहीं किया जाता
अब मेरे हक का मुझे शौक ए गुज़ारा मिल जाये

Comments

Popular Posts