कुछ न कुछ रास्ता निकल ही जाता है
कुछ न कुछ रास्ता निकल ही जाता है
आदमी गिर कर संभल ही जाता है
कुछ करो मत करो इतना तय है
वक़्त को जब बदलना हो बदल ही जाता है .
हाँ वो लोग जों खुशनसीब होते हैं
उन्हें लगता है सब उन्ही के हाथों होता है
और हर वक़्त हारने वाला कमनसीबी को लेके रोता है,
कोई गीता की बात करता है
कोई ख्वाबों में रात करता है
हार कर जीत कर लड़कर मर कर
काम सबका निकल ही जाता है
आदमी गिर कर संभल ही जाता है
वक़्त को जब बदलना हो बदल ही जाता है .
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